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Showing posts from April, 2018
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सूचिपारा वॉटर फॉल्स : रोमांचक स्थान       केरल का सूचिपारा वॉटर फॉल्स एक रोमांचक स्थान है। केरल के वायानाड जिला के मेपदादी शहर से करीब 13 किलोमीटर दूर स्थित यह वॉटर फॉल्स पर्यटकों का सर्वाधिक पसंदीदा क्षेत्र है।     इस झरना की खूबसूरती मानसून के मौसम आैर भी अधिक बढ़ जाती है। बारिश की रिमझिम फुहारों के साथ झरना का कल-कल बहना मन को रोमांच से भर देता है।     वनस्पतियों एवं वन क्षेत्र से घिरा यह स्थान पर्यावरण सवंर्धता को प्रदर्शित करता है। आक्सीजन की प्रचुरता पर्यटकों को ऊर्जावान बना देती है। वन क्षेत्र की हरियाली एवं शीतलता रोम-रोम को प्रफुल्लित एवं पुलकित कर देती है। हरा-भरा वन क्षेत्र एवं सूर्य की लालिमा सूचिपारा वॉटर फॉल्स को एक खास सुन्दरता प्रदान करती है।      सूचिपारा वॉटर फॉल्स पर्णपाती, सदाबहार एवं पर्वतीय जंगलों से घिरा है। स्थानीय भाषा में सूचि का आशय सुई होता है। पारा का अर्थ रॉक होता है। सूचिपारा वॉटर फॉल्स एक शीर्ष पहाड़ी से नीचे गिरता है। इस झरना को चलीयार नदी का हिस्सा माना जाता है।   ...
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हाथी वाटर फॉल्स: एक सुखद एहसास      शिलांग का हाथी वाटर फॉल्स एक बेहद शांत एवं शानदार पर्ययन स्थल है। हाथी वाटर फॉल्स को देश के शीर्ष वाटर फॉल्स में गिना जाता है। हाथी वाटर फॉल्स शिलांग के शीर्ष क्षेत्र में स्थित है।    हाथी वाटर फॉल्स की खासियत यह है कि चौतरफा यह वनस्पतियों से घिरा है। वनस्पतियों की प्रचुुरता पर्यटकों को एक सुखद प्राणवायु प्रदान करती है। लिहाजा पर्यटक कुछ ही पलों में यहां आक्सीजन से भरपूर एवं ऊर्जावान महसूस करते हैं।    चौतरफा पर्यावरण संवर्धन का एहसास कराता वन क्षेत्र मन-तन को प्रफुल्लित कर देता है। मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 8 किलोमीटर दूर हाथी वाटर फॉल्स पर्यटकों का पसंदीदा स्थल है। यह एक शानदार पिकनिक स्पॉट भी है।        शिलांग एवं हाथी वाटर फॉल्स के बीच खूबसूरत सड़कों का संजाल थकान महसूस नहीं होने देता। इस वाटर फॉल्स का नजारा भी विहंगम है। स्थानी भाषा में इसे का कशैद लाई पातेंग खोहस्यू कहा जाता है। इसका अर्थ होता है कि तीन चरणों में पानी का गिरना। ब्रिाटिश शासन ने इस वाटर फॉल्...
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दूधसागर वाटर फॉल्स: गजब की सुन्दरता      दूधसागर वाटर फॉल्स को 'सी आफ मिल्क" कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। गोवा का यह वाटर फॉल्स मंडोवी नदी पर स्थित है।    करीब 310 मीटर ऊंचाई से गिरने वाले इस झरना (फॉल्स) को देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि फॉल्स में पानी न होकर दूध की धारा प्रवाहित हो। शायद इसी लिए दूधसागर वाटर फॉल्स को सी आफ मिल्क भी कहा जाता है।   इस वाटर फॉल्स की संरचना भी विहंगम है। ऊंचाई से गिरता-उछलता पानी एक खास चमक उत्पन्न करता है। दूधसागर वाटर फॉल्स को सफेद झरना भी कहा जाता है क्योंकि इस झरना का रंग दूधिया है। उछाल मारता झरना का पानी देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे जलक्रीडा हो रही हो।      दूधसागर वाटर फॉल्स वस्तुत: गोवा एवं कर्नाटक सीमा पर स्थित है। देश के पांच शीर्ष वाटर फॉल्स में गिना जाने वाला दूधसागर वाटर फॉल्स 310 मीटर शिखर से नीचे आता है। स्थल पर एहसास होता है कि झरना सीधे आसमान से धरती पर गिर रहा हो। इस भव्य-दिव्य झरना की चौड़ाई भी कम नहीं है। इसकी चौड़ाई 30 मीटर के आसपास है। दूधसागर वाटर फॉल्स...