वॉटर फॉल : सर्दियों में रोमांच का एहसास
सैर-सपाटा जिंदगी को कहीं अधिक खूबसूूरत बना देता है। जिंदगी जिंदादिली से
लबरेज दिखती है। सैर-सपाटा या घूमने फिरने से आशय यह है कि रोजमर्रा की
जिंदगी से कुछ अलग हट कर जीवन के कुछ पल आनन्द से जियें।
वैसे तो सर्दियों में घर छोड़ कर या शहर छोड़ कर बाहर जाना कुछ लोग पसंद
नहीं करते लेकिन सर्दियों में घूमने फिरने-सैर सपाटा का आनन्द-मजा ही कुछ
आैर है।
खास यह कि सर्दियों में प्रकृति के खूबसूरत नजारें कुछ अलग ही रोमांच
पैदा करते हैं। इन खूबसूूरत नजारों को देख कर मन मस्तिष्क, तन-मन या यूं
कहें कि रोम-रोम झंकृत हो जाता है। सामान्यत: सैर सपाटा पर जाने का ख्याल
दिलों-दिमाग में आते ही खूबसूरत कश्मीर का प्राकृतिक सौन्दर्य सामने आ जाता
है।
कश्मीर को धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है। कश्मीर यानी एक ताजगी भरा एहसास। सड़कें न के बराबर होने के बावजूद सैर-सपाटा का असली आनन्द यहां मिलता है। सिकारा या नाव से प्राकृतिक सौन्दर्य को कुछ अधिक नजदीक से देख कर रोमांच महसूस किया जा सकता है। इस इलाके में राउंड आइलैण्ड टूर का भी आनन्द ले सकते हैं।
कश्मीर को धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है। कश्मीर यानी एक ताजगी भरा एहसास। सड़कें न के बराबर होने के बावजूद सैर-सपाटा का असली आनन्द यहां मिलता है। सिकारा या नाव से प्राकृतिक सौन्दर्य को कुछ अधिक नजदीक से देख कर रोमांच महसूस किया जा सकता है। इस इलाके में राउंड आइलैण्ड टूर का भी आनन्द ले सकते हैं।
प्राकृतिक सौन्दर्य के रोमांच के साथ ही क्लासिक खेलों की भी मौज मस्ती की
जा सकती है। वॉटर फॉल को देख कर निश्चय ही जलक्रीड़ा अर्थात पानी से
अठखेलियां करने का मन होगा। वॉटर फाल में सर्दी का नहीं रोमांच का एहसास
होगा। हालांकि कश्मीर अक्सर लोग डल झील देखने जाते हैं लेकिन डल झील के साथ
ही कश्मीर में ऊंचे-ऊंचे पहाड़ अति खूबसूरत लगते हैं। खास तौर से बर्फ की
चादर ओढ़े पहाड़ कही अधिक सौन्दर्य बोध कराते हैं।
पहाड़ों के सौन्दर्य का आनन्द लेना हो तो शिमला अवश्य जायें। प्राकृतिक सौन्दर्य का अनूठा आनन्द शिमला में ही मिलेगा। शिमला अत्यधिक खूबसूरत पहाडी इलाका है। शिमला में फिशिंग, स्कीइंग, ट्रैकिंग एवं एडवंचर्स स्पोटर्स का भरपूर आनन्द ले सकते हैं।
प्राकृतिक सौन्दर्य से लबरेज प्रांतों में उत्तराखण्ड भी किसी से कम नहीं। उत्तराखण्ड के गढ़वाल क्षेत्र के आेली एक रोमांचकारी एवं खूबसूरत स्थल है। सर्दी के मौसम में चौतरफा बर्फ का जमाव एक खास रोमांच का एहसास होता है। जैसे कहीं एक अलग या दूूसरी दुनिया में आ गये हों। उत्तराखण्ड का केदारकांता ट्रैक तो सैर सपाटा के लिए देश दुनिया में मशहूर है।
पहाड़ों के सौन्दर्य का आनन्द लेना हो तो शिमला अवश्य जायें। प्राकृतिक सौन्दर्य का अनूठा आनन्द शिमला में ही मिलेगा। शिमला अत्यधिक खूबसूरत पहाडी इलाका है। शिमला में फिशिंग, स्कीइंग, ट्रैकिंग एवं एडवंचर्स स्पोटर्स का भरपूर आनन्द ले सकते हैं।
प्राकृतिक सौन्दर्य से लबरेज प्रांतों में उत्तराखण्ड भी किसी से कम नहीं। उत्तराखण्ड के गढ़वाल क्षेत्र के आेली एक रोमांचकारी एवं खूबसूरत स्थल है। सर्दी के मौसम में चौतरफा बर्फ का जमाव एक खास रोमांच का एहसास होता है। जैसे कहीं एक अलग या दूूसरी दुनिया में आ गये हों। उत्तराखण्ड का केदारकांता ट्रैक तो सैर सपाटा के लिए देश दुनिया में मशहूर है।
केदारकांता ट्रैक भव्य दिव्य ट्रैकों में माना जाता है। अब यदि उत्तर
पूर्वी राज्यों के सौन्दर्य को देखें तो मेघालय अपने प्राकृतिक सौन्दर्य से
पर्यटकों को खुद ब खुद आकर्षित करता है।
चेरापूंजी वैसे तो स्वयं सौन्दर्य शास्त्र को गढ़ता है। चाहे प्राकृतिक सौन्दर्य की बात हो या फिर नृत्य या लोक गीत संगीत की हो।
चेरापूंजी वैसे तो स्वयं सौन्दर्य शास्त्र को गढ़ता है। चाहे प्राकृतिक सौन्दर्य की बात हो या फिर नृत्य या लोक गीत संगीत की हो।
चेरापूंजी एक बेहद आकर्षक स्थल है। चेरापूंजी में सैर सपाटा के लिए सेवन
सिस्टर्स, मोसमाई केव, इको पार्क आदि सहित दर्जनों इलाके हैं। इसी इलाके
में नोहकलिकई वॉटर फॉल है। नोहकलिकई वॉटर फॉल देश का पांचवा सबसे ऊंचा वॉटर
फॉल है। सर्दियों में इस वॉटर फॉल पर पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ती है।
शिलांग से करीब दस किलोमीटर दूर एलिफेंटा वॉटर फॉल है।
इस वॉटर फॉल की खूबसूरती भी देखते ही बनती है। खास यह कि इन इलाकों में
सर्दियों में भी सर्दियों का एहसास नहीं होता बल्कि एक रोमांच का एहसास
होता है। एक ताजगी का एहसास होता है। इस वॉटर फॉल का असली नाम तो शैद लई
पटेंग खोशी है लेकिन ब्रिाटिश शासन ने इसका नाम बदल कर एलिफेंटा वॉटर फॉल
रख दिया था।
शिलांग में ही स्वीट वॉटर फॉल भी है। यह भी एक अत्यंत खूबसूरत वाटर फॉल
है। शिलांग जाते हैं तो शिलांग पीक जाना न भूलें। शिलांग पीक समुद्र तल से
करीब 1900 मीटर से भी अधिक ऊंचाई वाली पहाड़ी चोटी है। शिलांग पीक शिलांग की
सबसे अधिक ऊंचाई वाला पहाड़ है। इस पहाड से शहर का खूबसूरत नजारा देखा जा
सकता है।
यह एक ऐसा इलाका है जहां शिलांग आने वाले सर्वाधिक पर्यटक आते हैं।
मान्यता है कि देवता लीशिलांग इस पर्वत श्रंखला पर निवास करते थे। लिहाजा
देवता लीशिलांग के नाम पर ही शिलांग का नाम पड़ा।
सर्दियों में एक बार गुजरात के सापुतारा हिल स्टेशन अवश्य जायें। सापुतारा
गुजरात का शायद एकलौता हिल स्टेशन है। सापुतारा हिल स्टेशन में सर्दियों
में सर्वाधिक चहल पहल देखने को मिलेगी। खूबसूरती से परिपूरित सापुतारा बेहद
रोमांचक है।
विशेषज्ञों की मानें तो सापुतारा का आशय होता कि सापों का घर। देश का यह
एक अति विशिष्ट पर्यटन स्थल है। गुजरात एवं महाराष्ट्र के सीमा पर स्थित
यह पहाड़ी इलाका पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। सहयाद्री पर्वत श्रंखला
का यह पर्वत अपने आगोश में कई फाल-झरनों को समेटे है। झरने एक ताजगी एवं
जीवंतता प्रदान करते है। सर्दियों में यहां पैराग्लाइडिंग फेस्टिवल भी होता
है।
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