ककोलत वॉटर फॉल्स: जल का रोमांच

     वॉटर फॉल्स की शीतलता एक अलग ही आनन्द प्रदान करती है। वॉटर फॉल्स में स्नान करना हो या फिर जलक्रीड़ा का लुफ्त उठाना हो खास तौर से गर्मियोें में सैर-सपाटा करना चाहिए। 


   बिहार के नवादा जिला स्थित ककोलत वॉटर फॉल्स को देश के चुनिंदा वॉटर फॉल्स में गिना जाता है। ककोलत वॉटर फॉल्स की सुन्दरता एवं शीतलता पर्यटकों के मन-मस्तिष्क को पुलकित एवं प्रफुल्लित कर देती है।
    खूबसूरत पहाड़ी के निकट स्थित ककोलत वॉटर फॉल्स जलक्रीड़ा का एक पसंदीदा क्षेत्र है। करीब 160 फुट ऊंचाई से नीचे गिरता जल निश्चय ही एक रोमांच पैदा करता है।
    ककोलत वॉटर फॉल्स पौराणिक संदर्भ से भी ताल्लुक रखता है। पौराणिक कहावत है कि त्रेता युग में एक राजा को ऋषि ने श्राप दिया था। श्राप के कारण राजा अजगर बन गया था। अजगर के रूप में राजा यहीं प्रवास करने लगा। 
     द्वापर युग में पाण्डव वनवास की अवधि में कुछ समय के लिए यहां आये थे। पाण्डव के आशीर्वाद से राजा को इस यातना से मुक्ति मिली थी। श्राप से मुक्त होने पर राजा अति प्रसन्न हुआ। परिणाम स्वरूप आशीर्वाद मिला कि इस वॉटर फॉल्स में स्नान करने वाला व्यक्ति कभी भी सर्प योनि में जन्म नहीं लेगा।
     लिहाजा इस मान्यता को ध्यान में रख कर असंख्य पर्यटक एवं श्रद्धालु ककोलत वॉटर फॉल्स में स्नान करने आते हैं। बैशाखी एवं चैत्र संक्रांति पर यहां विषुआ मेला का भव्य-दिव्य आयोजन किया जाता है। ककोलत वॉटर फॉल्स नवादा जिला मुख्यालय से करीब 33 किलोमीटर दूर गोविन्दपुर-फतेहपुर रोड़ पर है।
     मुख्य मार्ग से 3 किलोमीटर की दूरी पर वॉटर फॉल्स है। ककोलत वॉटर फॉल्स की खासियत यह है कि थाड़ी मोड़ से ही शीतलता का एहसास पर्यटकों को होने लगता है। ककोलत वॉटर फॉल्स के चौतरफा सुन्दर नजारा दिखता है। ऊंचाई से नीचे झर-झर गिरता फॉल्स का पानी अत्यंत सुन्दर दृश्य पैदा करता है। यह बिहार का प्रसिद्ध फॉल्स है। ककोलत वॉटर फॉल्स एक सुन्दर पिकनिक स्पॉट भी है।
       ककोलत वॉटर फॉल्स की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट गया-बिहार में है। पर्यटक जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट से भी यात्रा कर सकते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन नवादा है। सड़क मार्ग से भी पर्यटक यात्रा कर सकते हैं।
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