केम्पटी वॉटर फॉल्स: प्रकृति का उपहार

   केम्पटी वॉटर फॉल्स को प्रकृति का सुन्दर उपहार कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। जी हां, केम्पटी वॉटर फॉल्स की सुन्दरता का कोई जोड़ नहीं है। 

   मोती सा चमकता निर्मल जल अपनी सुन्दरता की दास्तां खुद-ब-खुद कहता है। उत्तराखण्ड के मसूरी-यमुनोत्री रोड पर स्थित यह वॉटर फॉल्स देश दुनिया के पर्यटकों का खास पसंदीदा पर्यटन है। टिहरी-गढ़वाल के चकराता रोड़ स्थित वॉटर फॉल्स की सुन्दरता के कारण पर्यटकों का भारी तादाद में आना जारी रहता है।

   देहरादून से करीब 48 किलोमीटर एवं मसूरी से करीब 15 किलोमीटर दूर स्थित केम्पटी वॉटर फॉल्स में पर्यटक जलक्रीडा का भरपूर आनन्द उठा सकते हैं। केम्पटी को उत्तराखण्ड के शीर्ष झरनों में माना जाता है। इतना ही नहीं देश के शीर्ष एवं सुन्दर झरनों में भी केम्पटी को शिखर का दर्जा हासिल है।

   मसूरी पर्यटन को ध्यान में रख कर केम्पटी का विकास भी किया गया है। इस सुन्दर झरना की खोज वर्ष 1835 के आसपास ब्रिटिश अफसर जॉन मेकिनन ने की थी। पर्यटकों का आकर्षण देख केम्पटी को पर्यटन स्थल के रूप में विकास किया गया। 

    ब्रिटिश शासनकाल में खास तौर से चाय पार्टियों एवं दावतों के लिए किया जाता था। करीब 4500 फुट की ऊंचाई से नीचे गिरने वाला यह वॉटर फॉल्स एक आदर्श पिकनिक स्पॉट है। शानदार एवं मनमोहक यह वॉटर फॉल्स समुद्र तल से करीब 1364 मीटर ऊंचाई पर है।

   विशेषज्ञों की मानें तो केम्पटी दो अंग्रेजी शब्दों से मिल कर बना है। यह दो शब्द कैम्प एवं टी हैं। इस वॉटर फॉल्स के नीचे तल पर एक कुण्ड है। वॉटर फॉल्स का पानी इस कुण्ड में गिरता है। पर्यटक इस कुण्ड में स्नान करते हैं। यहां पर्यटक जलक्रीड़ा का भरपूर आनन्द लेते हैं।

   कुण्ड का पानी बेहद ठंडा अर्थात शीतल होता है। फिर भी पर्यटकों को स्नान करने में आनन्द आ जाता है।
   केम्पटी वॉटर फॉल्स की यात्रा के सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोर्ट जौली ग्रांट एयरपोर्ट है। निकटतम रेलवे स्टेशन देहरादून है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी यात्रा कर सकते हैं।
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