भेड़ाघाट धुआंधार : प्रकृति का अतुलनीय उपहार

   भेड़ाघाट को प्रकृति का शानदार एवं अतुलनीय उपहार कहा जाना चाहिए। भेड़ाघाट वस्तुत: झरनों एवं संगमरमर का अद्भुत एवं विलक्षण संगम कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। 

   प्रकृति का यह अनुपम संगम बेहद दर्शनीय है। भारत के मध्य प्रदेश के जबलपुर का यह पर्यटन अपनी विशिष्टता के कारण वैश्विक ख्याति रखता है। जबलपुर शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर स्थित भेड़ाघाट को भेड़ाघाट धुआंधार के नाम से जाना एवं पहचाना जाता है। 

   नर्मदा नदी के किनारे स्थित भेड़ाघाट धुआंधार को वस्तुत: संगमरमरीय सौन्दर्य एवं शानदार झरनों के लिए जाना जाता है। धुआंधार झरना अति दर्शनीय है। करीब 100 फुट ऊंची संगमरमर की चट्टानें अति दर्शनीय प्रतीत होती हैं। संगमरमर की सफेद चट्टानों पर सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो ऐसा प्रतीत होता है कि धरती पर इन्द्रधनुषी उतर आया हो। 

   चांदनी रात में भेड़ाघाट धुआंधार पर एक जादुई रंग सा दिखता है। पर्यटक भेड़ाघाट धुआंधार पर बोट राइडिंग कर रोमांच का अनुभव करते हैं। चांदनी रात में संगमरमर के रॉक पहाडों के बीच नौकायन करना बेहद रोमांचक होता है। भेड़ाघाट का इतिहास करीब 200-250 वर्ष पुराना है।

   मान्यता है कि इस स्थान पर प्राचीन काल में ऋषि भृगु का आश्रम था। नर्मदा नदी एवं बावनगंगा के संगम स्थल को ऋषि भृगु की तप स्थली माना जाता है। नदियों के इस स्थल को ही भेड़ाघाट कहा जाता है। भेड़ा का आशय स्थानीयता में मिलन माना जाता है। 

   भेड़ाघाट के संगमरमरीय सौन्दर्य ने न केवल वैश्विक पर्यटकों को रिझाया बल्कि बॉलीवुड़ को भी आकर्षित किया। भेड़ाघाट धुआंधार की संगमरमरीय चट्टानों के मध्य बॉलीवुड़ की दर्जनों फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है। 
   अभिनेता स्वर्गीय राजकपूर की फिल्म जिस देश में गंगा बहती है... का गाना इसी पर्यटन क्षेत्र में शूट किया गया। फिल्म प्राण जाय पर वचन न जाये, रात का नशा अभी एवं अशोका आदि फिल्मों में भेड़ाघाट धुआंधार का अद्भुत सौन्दर्य दर्शनीय है। 

   भेड़ाघाट धुआंधार का मार्बल रॉक्स अति दर्शनीय है। संगमरमर की चट्टानों के प्राकृतिक सौन्दर्य में पर्यटक खो जाते हैं। भेड़ाघाट धुआंधार वाटर फॉल्स वस्तुत: नर्मदा नदी के दोनों किनारों की ऊंची चट्टानों से घिरा इलाका है। यह मनमोहक स्थल अति दर्शनीय एवं सुन्दर है। 

   पहाड़ से करीब 100 फुट ऊंचाई से गिरते इस झरना का कोलाहल बेहद कर्णप्रिय प्रतीत होता है। पानी का अत्यधिक ऊंचाई से गिरने के कारण धुआंधार पर धुआं सा उठता प्रतीत होता है। फुहारों का घनापन धुआं का स्वरूप ले लेता है। यह दृश्य अति सुन्दर लगता है। 

   इस वॉटर फॉल्स का प्रवाह अत्यधिक तेज है। शायद इसीलिए इसे धुआंधार कहा जाता है। इस जलप्रवाह की गर्जना अत्यधिक तेज है। इसका सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि इसकी ध्वनि करीब 1.50 किलोमीटर दूर तक सुनाई देती है। भेड़ाघाट धुआंधार का मुख्य आकर्षण नर्मदा महोत्सव है।

  भेड़ाघाट धुआंधार पर आयोजित होने वाले इस महोत्सव में जैसे भारतीय संस्कृति एवं बॉलीवुड का सौन्दर्य उतर आता हो। शरद पूर्णिमा पर आयोजित होने वाले सौन्दर्य, लालित्य एवं माधुर्य के इस संगम पर पर्यटक मुग्ध हो उठते हैं।

   भेड़ाघाट धुआंधार पर आयोजित लेजर शो भी विशेष आकर्षण का केन्द्र रहता है। भेड़ाघाट धुआंधार के पंचवटी पर आयोजित लेजर शो बेहद आकर्षक होता है।

  इस लेजर शो में नर्मदा नदी की गौरव गाथा को अत्यंत रोचक ढ़ंग से प्रस्तुत किया जाता है। देशभक्ति के गीतों एवं रंगबिरंगी फुहारों से सजा यह लेजर शो पर्यटकों को मुग्ध कर लेता है।

    भेड़ाघाट धुआंधार की यात्रा के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। निकटतम एयरपोेर्ट डुमना एयरपोर्ट जबलपुर है। डुमना एयरपोर्ट से भेड़ाघाट धुआंधार की दूरी करीब 34.1 किलोमीटर है। 
  निकटतम रेलवे स्टेशन जबलपुर जंक्शन है। जबलपुर रेलवे जंक्शन से भेड़ाघाट धुआंधार की दूरी करीब 20 किलोमीटर है। पर्यटक सड़क मार्ग से भी भेड़ाघाट धुआंधार की यात्रा कर सकते हैं।
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