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Showing posts from November, 2018
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नोहकालीकाई वॉटर फॉल्स: रोमांच का एहसास    नोहकालीकाई वॉटर फॉल्स की भव्यता-दिव्यता एक खास रोमांच का एहसास कराती है। खास यह कि नोहकालीकाई वॉटर फॉल्स देश के शीर्ष फॉल्स में गिना जाता है।     मेघालय स्थित यह वॉटर फॉल्स करीब 1100 फुट की ऊंचाई से नीचे गिरता है। लिहाजा इसकी गर्जना दूर तक आसानी से सुनाई देती है। मेघालय के चेरापूंजी स्थित यह वॉटर फॉल्स प्राकृतिक सौन्दर्य का एक अनुपम आयाम है।     खास यह कि बारिश के मौसम में इसकी खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं। हालांकि यह वॉटर फॉल्स वर्ष पर्यंत प्रवाहमान रहता है।   विशेषज्ञों की मानें तो इस दिव्य-भव्य झरना का वास्तविक रुाोत बारिश है। चूंकि चेरापूंजी का इलाका बारिश के लिए खास तौर जाना पहचाना जाता है।     लिहाजा मानसून गुजर जाने के बावजूद अपना प्रवाह निरन्तर जारी रखता है। खास यह कि ऊपर से नीचे आने तक जल मोती सा निर्मल जल खास चमकता रहता है, लेकिन नीचे आने पर जल में नीलापन दिखने लगता है।     एक खड़ी पथरीली चट्टान से नीचे गिरने वाला यह नोहकालीकाई वॉटर ...
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भगासु वॉटर फॉल्स : प्रकृति का उपहार    भगासु वॉटर फॉल्स को हिमाचल प्रदेश की खूबसूरती का एक नगीना कहें तो शायद कोई अतिश्योक्ति न होगी। जी हां, भगासु वॉटर फॉल्स की सुन्दरता बेजोड़ है।    जिससे पर्यटक हिमाचल प्रदेश खींचे चले आते हैं। यह सुन्दर वॉटर फॉल्स कांगड़ा जिला के मैक्लोड गंज के निकट स्थित है। हिमाचल प्रदेश की राजधानी धर्मशाला से करीब 7 किलोमीटर दूर भगासु वॉटर फॉल्स की कलात्मकता भी देखते बनती है।    मैक्लोड गंज से करीब 3 किलोमीटर दूर स्थित यह वॉटर फॉल्स पर्यटकों को भरपूर आक्सीजन प्रदान करता है। पथरीली चट्टानों पर मोती सा चमकता झरना का जल अति सुन्दर प्रतीत होता है।    वस्तुत: मैक्लोड गंज के पास भगतुनाथ मंदिर है। इसी के निकट भगतु गांव स्थित है। यह भव्य-दिव्य झरना इस गांव का हिस्सा है।    करीब 20 मीटर ऊंचाई से गिरने वाला यह झरना अपने सौन्दर्य से दर्शकों-पर्यटकों को मुग्ध कर लेता है। यह मध्यम आकार-प्रकार का झरना है। वनस्पतियों एवं वन सम्पदाओं से घिरा भगासु वॉटर फॉल्स देश विदेश के पर्यटकों का विशेष पसंदीदा स्थान है।...
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इरुपु वॉटर फॉल्स : ताजगी का एहसास     इरुपु वॉटर फॉल्स की सुन्दरता का कोई जोड़ नहीं। जी हां, वनस्पतियों एवं पथरीली चट्टानों से घिरा इरुपु वॉटर फॉल्स एक शानदार पिकनिक स्पॉट है।     शांत एवं शीतलता प्रदान करने वाला यह फॉल्स कर्नाटक के कोडागु (कुर्ग) में स्थित है। चौतरफा फैले वनस्पतियों के वन क्षेत्र से परिवेश सुगंध से आच्छादित रहता है। जिससे पर्यटक भरपूर आक्सीजन का एहसास करते हैं। इरुपु वॉटर फॉल्स को लक्ष्मण तीर्थ के नाम से भी जाना पहचाना जाता है।     वस्तुत: यह वॉटर फॉल्स कावेरी नदी की सहायक नदी लक्ष्मण नदी का हिस्सा है। दक्षिणी कोडागु स्थित यह वॉटर फॉल्स चौतरफा सघन वन क्षेत्र से घिरा है।    इरुपु वॉटर फॉल्स का एरिया ब्राह्मगिरी चोटी तक माना जाता है। इरुपु वॉटर फॉल्स की सुरम्यता एवं शीतलता पर्यटकों को मुग्ध कर देती है।    विशेषज्ञों की मानें तो इरुपु वॉटर फॉल्स एक धार्मिक एवं तीर्थ स्थल है। इरुपु वॉटर फॉल्स के निकट शिव मंदिर, रामेश्वर मंदिर एवं लक्ष्मण मंदिर हैं। लक्ष्मण नदी को स्थानीयता में लक्ष्मण त...